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Friday, March 11, 2011

मैं reg. no 2007BIT057

 मैं reg. no 2007BIT057 collage के  गेट से बाहर देखता हूँ |
दिन महीने सालों को युग में बदलते देखता हूँ |
यह  बारिश मेरे सावन के झूलों को संग संग लाती है|
यह सर्दी मेरी लोरी की  आग सेक कर जाती है |
मैं reg. no 2007BIT057 collage के  गेट से बाहर देखता हूँ |
सपनो के गाँव से उतरी,
एक नन्ही  परी  को देख ता  हूँ |
केहती है  खूद को  जी. एस.  और मुझे दोस्त बुलाती है|
है बिलकुल बेगानी  पर अपनों सी जिद वों करती है |
उसकी सच्ची बातो से फिर lecture करने को मनं करता है |
उसकी कसमो वादों से कुछ करने को मनं करता है |

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