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Tuesday, February 8, 2011

प्रेम म्हणजे ..........

प्रेम म्हणजे खेळ आहे,
              ध्यास घ्यावा लागतो.
प्रेम म्हणजे खेळ नाही,
                श्वास द्यावा लागतो
प्रियसी असता सवे,
                तिला अभ्यास द्यावा लागतो.
प्रियसी नसता,
                तिला अभ्यास द्यावा लागतो.
 प्रेम म्हणजे आकर्षण नाही,
                धूंद व्हाव लागत.
प्रेम म्हणजे  आकर्षण आहे,
                 ओढ़ वाटावी लागते.
प्रेम म्हणजे थट्टा आहे,
                 वेळ जावा लागतो.
प्रेम म्हणजे थट्टा नाही,
                 श्वास थाम्बवावा लागतो.

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